WHAT DOES असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा MEAN?

What Does असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा Mean?

What Does असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा Mean?

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कात्यायनी – क्लीं श्रीं त्रिनेत्रायै नमः।।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

It is considered that it causes prosperity, favourable power, and also thought of that goddess Lakshmi resides at that place for generations to technology. Also someone is relieved of physical, spiritual, psychological disorders. Siddh Parad Shivling is often acquired only throughout the blessings of renowned yogi, guru, very good fortune, on account of which somebody will be able to carry out noble deeds and thereby attains Moksha.

शिवलिंग पर संध्या के समय जल चढ़ाया जा सकता है। शाम के समय जल चढ़ाने के लिए किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है व्यक्ति अपनी श्रद्धा से शिवलिंग पर सुबह और शाम दोनों ही स

नंदुरबारमधील नवापूर शहर बुडाले पाण्यात

असे झाले कि एका प्लेट मध्ये सफेद कापड ठेऊन त्यावर शिवलिंगाची स्थापना करावी. 

स्फटिक शिवलिंग घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाता है।

अगर आप अध्यात्म पथ पर आगे बढ़ना चाहते हों, योग और ध्यान में आपका मन लगता हो और मोक्ष की प्राप्ति की इच्छा हो तो आपको पारे से बने शिव लिंग की उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको मोक्ष की प्राप्ति भी हो जाती है।

शक्ति का महत्त्व और उसकी आराधना कैसे की जाती हे

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१०० अश्वमेघ यज्ञ , चार धाम यात्रा , एक लाख गायीचे दान , केल्याने जे फळ मिळते ते एकट्या पारद शिवलिंगाच्या पूजनाने मिळेल.

१२ ज्योतिर्लिंगाचे पूजन केल्याचे जेव्हढे फळ आहे ते एकट्या पारद शिवलिंगच्या पूजेत सामावलेले आहे.

ज्या घरात पारद शिवलिंग वास करते त्या घराशी संबंधित सर्व वास्तुदोष दूर होतात. पारद शिवलिंगाच्या शुभ प्रभावामुळे त्या घरातील लोकांना कोणत्याही प्रकारचे तंत्र-मंत्र किंवा डोळ्यातील दोषांचा त्रास होत नाही. अशी मान्यता आहे.

Just rub the lemon on पारद शिवलिंग प्राइस the surface of Parad shivling every single alternate day. It's going to get started shining. Then clean it having a water and wipe it off with cleanse cloth. Now it is ready to worship or have on. There'll be no markings still left any where from the shivalingam or if worn in your body.

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